अहंकारी गुलाब की कहानी (Moral Story in Hindi)

Rose Story – यहां हम आपको अहंकारी गुलाब की कहानी (Ahankari Gulab ki Kahani) बताने वाले है। तो इस Moral Story in Hindi को अंत तक जरूर पढ़ें।

Gulab ki Kahani
Rose Story

अहंकारी गुलाब की कहानी – Moral Story in Hindi

एक बार की बात है, राजस्थान के  एक रेगिस्तान में, एक गुलाब का पौधा था जिसे अपने सुंदर रूप (गुलाब का फ़ुल) पर बहुत गर्व था। उसकी एकमात्र शिकायत यह थी की,वह  एक बदसूरत कैक्टस के बगल में बढ़ रही  थी।

हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके लुक्स पर उसका मजाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस चुप रहता था। आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह भी अपने ही रूप से प्रभावित थी।उसके कारण गुलाब पर उनकी बातों का कोई असर नहीं होता था 

एक चिलचिलाती गर्मी, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी ही मुरझाने लगा। और उसकी सुंदर पंखुड़ियाँ भी सूख गईं, उसने अपना रसीला रंग खो दिया।

एक दिन दोपहर में, गुलाब ने ये नज़ारा देखा की एक गौरैया कुछ पानी पीने के लिए अपनी चोंच को कैक्टस में डुबा रहा था । यह देखकर गुलाब के मन में भी  कुछ संकोच आया । 

हालांकि गुलाब को शर्म आ रही थी फिर भी, गुलाब ने कैक्टस से पूछा- कि क्या उसको  कुछ पानी मिल सकता है? इसके जवाब में, दयालु कैक्टस आसानी से सहमत हो गया। और गुलाब को अपनी गलती का  एहसास हुआ, वहीं उसने एक दूसरे की  मदद कि इस कठिन गर्मी को पार करने के लिए।

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