बिल्ली और चूहों की कहानी – Chuha Billi Ki Kahani

Cat and Mouse Story दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जिसमें से पंचतंत्र की कहानी (बिल्ली और चूहों की कहानी) एक ऐसी कहानी थी, जो लगभग सभी को पसंद आती थी।

आज हम आपको जिस बिल्ली की कहानी सुनाने जा रहे हैं, वह सबसे शातिर बिल्लियों में से एक थी। आपने ऐसी चालक और शातिर बिल्ली की कहानी कभी नहीं सुनी होगी। लेकिन दोस्तों ! कभी-कभार ज्यादा चालाकी भारी भी पड़ जाती है। तो उस बिल्ली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

Chuha Billi Ki Kahani
Chuha Billi Ki Kahani

तो यहां हम आपको वहीं Chuha Billi Ki Kahani (चूहा बिल्ली की कहानी) बताने वाले है। तो इस Cat and Rat Story को अंत तक जरूर पढ़ें।

चूहा बिल्ली की कहानी – Chuha Billi Ki Kahani

एक बहुत घना और विशाल जंगल था। जंगल में भिन्न-भिन्न प्रकार के पशु पक्षी रहा करते थे । वहां पर अलग- अलग प्रकार के जानवर भी साथ में रहा करते थे। जानवरों में आपस में बहुत प्रेम था और कोई भी जानवर,दूसरे जानवर को सताता नहीं था। उस जंगल के ज्यादातर जानवर भोले-भाले और शरीफ थे।

लेकिन उन सभी जानवरों में बिल्ली सबसे चालाक जानवर थी। वह पूरे जंगल में अपनी चालाकी और होशियारी के लिए जानी जाती थी। बिल्ली कई बार अपने दिमाग का इस्तेमाल करके दूसरे जानवरों को धोखा भी देती थी। वह कई बार नाटक करके चूहे जैसे प्राणियों का शिकार किया करती थी। लेकिन धीरे-धीरे अन्य जानवरों को बिल्ली की चालाकी के बारे में पता चलने लगा और सब ने धीरे-धीरे करके, बिल्ली से दूरी बनानी शुरू कर दी।

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दोस्तों, हम इंसानों में भी ऐसा ही होता है। अगर कोई इंसान ज्यादा चालाक होता है,तो उससे दूसरे लोग दूरी बना लेते हैं। तो उस बिल्ली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उस बिल्ली के साथ अब कोई भी दोस्ती करना नहीं चाहता था । इस प्रकार बिल्ली पूरे जंगल में अलग-अलग रहने लगी। जिसका अब बिल्ली को काफी नुकसान होने लगा। क्योंकि अब ना तो कोई बिल्ली का दोस्त था और ना ही कोई उसे शिकार पर ले जाता था । अब ना ही बिल्ली को खाने के लिए चूहे मिल पाए थे। इसलिए बिल्ली काफी परेशान रहने लगी।

लेकिन दोस्तों वह कहते हैं ना कि चालाक आदमी कभी भी अपनी चालाकी से बाज नहीं आता। तो उसे बिल्ली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, उस बिल्ली ने अपनी चालाकी नहीं छोड़ी और अलग-अलग तरीके से शिकार करने के बहाने खोजने लगी। इसमें बिल्ली को सफलता भी मिला। कभी चूहों को पकड़ने के लिए, बिल्ली पेड़ पर चढ़ जाती। तो कभी किसी पत्थर के पीछे छुप जाती। इस प्रकार चूहों को धोखा देकर,बिल्ली उनका शिकार करने लगती।

धीरे-धीरे समय बीतता गया, महीने गुजरने चले गए । बिल्ली का भोजन का व्यवस्था होने लगा । लेकिन बिल्ली की मुसीबत धीरे-धीरे बढ़ने लगी,क्योंकि बिल्ली की इस हरकत के बारे में जंगल के सारे चूहे परिचित हो गए । वह समझ गए कि, बिल्ली छुपाकर उनका शिकार करती है। इसलिए अब वह बिल्ली के झांसे में नहीं आते थे और जब कहीं भी जाते थे… तो अच्छे से जांच पर करके जाते थे।

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फिर क्या था? चूहों ने सतर्क रहना शुरू कर दिया और बिल्ली की चुनौतियां फिर से शुरू हो गई। धीरे-धीरे बिल्ली को शिकार मिलना कम हुआ और अंत में हालत इतनी खराब हो गई कि,बिल्ली को खाने के लिए कोई चूहा तक नसीब नहीं होता था।

इस प्रकार धीरे-धीरे बिल्ली को शिकार मिलना बंद हो गया और बिल्ली भूखे मरने लगी। बिल्ली ने दोबारा चूहों को फसाने के लिए अनेकों तरकीब निकाली। लेकिन अब बिल्ली की कोई भी तरकीब काम नहीं कर रही थी। क्योंकि जंगल के सारे चूहे सतर्क हो चुके थे। तभी एक दिन बिल्ली ने एक तरकीब निकाली। वास्तव में भोजन न मिलने के कारण बिल्ली काफी दुबली पतली हो गई थी। इसलिए अब उसने अपने इस शारीरिक बदलाव का फायदा उठाने का सोचा और वह अपने घर के बाहर बेसुध लेट गई।

Cat and Mouse Story

बिल्ली ने इस बार यह तरकीब निकला था कि, वह अपने घर के बाहर लेटी रहेगी।चूहे यह सोचेंगे कि, बिल्ली मर गई है और जैसे ही चूहे उसके पास आएंगे, वह उनको झट से पकड़ कर खा लेगी।

फिर क्या था ? बिल्ली ने नाटक शुरू किया और वह अपने घर के बाहर लेटी रही । बड़ी देर तक बिल्ली बिना हिले – डुले, यूं ही लेटी रही। उसे लगा जल्द ही कोई चूहा वहां आता ही होगा, लेकिन काफी देर हो गया और वहां पर कोई भी चूहा नहीं आया। इस वजह से बिल्ली धीरे-धीरे निराश होने लगी।

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लेकिन बिल्ली ने हार नहीं मानी। जल्दी ही वहां पर दो चूहे आए और उन्होंने बिल्ली को बेसुध लेटा हुआ देखा। जब उन्होंने देखा कि,बिल्ली हिल डुल नहीं रही है… तो उन्होंने बाकी चूहों को जाकर कहा कि “बिल्ली मर गई है l” इस बात से सारे चूहे खुश हो गए और बिल्ली के पास आकर जश्न मनाने लगे। जब कई सारे चूहे इकट्ठे हो गए,तो बिल्ली चौकन्ना हो गई और उसने झट से उठकर दो चूहों को पकड़ कर खा लिया।

यह देखकर सारे चूहे चौंक गए और वहां से फौरन भाग गए। लेकिन बिल्ली की यह होशियारी ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली थी । क्योंकि अब चूहों को उसके तरकीब के बारे में पता चल चुका था और बिल्ली अगली बार इस तरकीब से शिकार नहीं कर सकती थी। धीरे-धीरे समय बिता और बिल्ली फिर भूखी मरने लगी।

जब उसे 10 दिनों तक कोई शिकार नहीं मिला। तो भूख में बेचैन बिल्ली, चूहे के बिल के आगे खुद को लकड़ी से ढक कर खड़ी हो गई। उसने सोचा कि,उसे चूहे पहचान नहीं पाएंगे और जैसे ही चूहे इस लकड़ी के पास आएंगे…वह उनको फौरन खा लेगी। धीरे-धीरे समय बिता और धीरे-धीरे वहां पर चूहों की संख्या बढ़ने लगी।

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चूहे लकड़ी के पीछे छुपी हुई बिल्ली को नहीं पहचान पाए और वे इधर-उधर घूमने लगे। लेकिन अभी भी वह चूहे, बिल्ली की पहुंच से दूर थे। इसलिए अभी बिल्ली कोई गलती नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसने आराम से इंतजार किया, लेकिन जैसे ही कुछ चूहे कुछ लकड़ी की ओर बढ़ने लगे, तभी वहां पर एक वृद्ध चूहा आया। उसने सभी चूहों से कहा कि वह जो लकड़ी है,वह बिल्ली के आकार की लग रही है। हो सकता है उसमें बिल्ली छुपी हुई हो।

इस बात से सारे चूहे सतर्क हो गए और वह वहां से भाग कर अपने बिल में जाकर छुप गए।” बिल्ली का यह षड्यंत्र नाकाम रहा और कुछ दिनों के बाद भूख के मारे बिल्ली चल बसी।

शिक्षा (Moral of Story)

इस बिल्ली और चूहों की कहानी (Chuha Billi Ki Kahani) से हमें यह सीख मिलती है कि, हमें जरूरत से ज्यादा होशियारी नहीं दिखानी चाहिए और दूसरी शिक्षा ये मिलती है कि अगर हम सतर्क रहें तथा अपने दिमाग का इस्तेमाल करें तो हम अपने नुकसान को कम कम कर सकते है।

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