लालची बिल्ली और बंदर की कहानी – Lalchi Billi aur Bandar ki Kahani

Cat and Monkey Story दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जिसमें से पंचतंत्र की कहानी जैसे लालची बिल्ली और बंदर की कहानी (Lalchi Billi aur Bandar ki Kahani) एक ऐसी कहानी थी, जो लगभग सभी को पसंद आती थी।

तो यहां हम आपको वहीं Panchatantra Stories in Hindi (लालची बिल्ली और बंदर की कहानी) बताने वाले है। तो इस Monkey and Cat Story in Hindi को अंत तक जरूर पढ़ें।

लालची बिल्ली और बंदर की कहानी – Lalchi Billi aur Bandar ki Kahani

Lalchi Billi aur Bandar ki Kahani
Billi aur Bandar ki Kahani

टूनपुर जंगल में एक बिल्ली थी, जिसका नाम मिनी था। वह रहती उसी थी और उसी जंगल में एक बोला बंदर भी रहता था। मिनी और बोला बहुत अच्छे दोस्त थे, और सारा जंगल जानता था कि वे एक-दूसरे के सबसे पुराने और अच्छे दोस्त थे। मिनी थोड़ी स्वार्थी थी, लेकिन फिर भी, बोला के साथ उसकी अच्छी दोस्ती थी।

एक दिन, वे दोनों जंगल में घूम रहे थे और दूर जाने लगे। आज से पहले, वे जंगल के इस हिस्से में कभी नहीं गए थे, लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते गए, उन्हें मीठे-मीठे फलों के पेड़ दिखने लगे। इसको देखकर, बोला ने मिनी से कहा, “देखो, मिनी, यहाँ कितने सारे पेड़ हैं, मीठे फलों के। क्यों नहीं हम अपने दोस्तों को यहाँ लेकर आते हैं और उनके साथ इन फलों का मजा लेते हैं?”

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बोला का मन साफ था, इसलिए वह ये फल सभी के साथ मिलकर खाना चाहता था, लेकिन मिनी का मन इन मीठे फलों को देखकर अब लालच से भर गया था। वह ये फल किसी के साथ बाँटकर नहीं खाना चाहती थी और मन ही मन सोचने लगी कि कैसे वह इन सारे फलों को अकेले ही खा ले।

इसलिए उसने एक तरीका बनाया और बोला से कहा कि, “तुम एक काम करो, तुम जाकर जंगल के बाकी जानवरों को यहाँ ले आओ, तब तक मैं इन फलों की निगरानी करती हूँ कि कोई इन्हें ले ना जाए।” बोला को मिनी की लालच का अंदाजा हो गया था, लेकिन फिर भी वह कुछ नहीं कहा और अन्य जानवरों को भुलाने के लिए चला गया।

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पीछे से मिनी यह सोचने लगी कि अब इन सबको जंगल के अंदर आने से रोका कैसे जा सकता है? तभी उसने पास पड़ी कांटों वाली झाड़ियों को देखा, और सोचा कि वो इन कांटों को उस रास्ते पर बिछा देगी जिससे कोई भी जंगल के अंदर नहीं आ पाएगा। और उसने ठीक वैसा ही कीया, उसने  सभी कांटों को रास्ते पर बिछा दिया और खुद जंगल के अंदर चली गई।

अब वह आराम से पेड़ के मीठे-मीठे फलों को खा रही थी, और उसे फलों का मजा आ रहा था, कि तभी एक शेर की दहाड़ उसे सुनाई दी, जिससे मिनी के होश उड़ गए। शेर जोर-जोर से चिला रहा था कि किसने इन कांटों को बिछाया है, और उनमें से कुछ कांटे उसके पैर में चुभ गए थे।

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जब शेर ने मिनी को फलों के साथ देखा, तो वह समझ गया कि उसी ने ये सब किया है। शेर ने मिनी से कहा, “तुमने लालच में आकर ये सब किया है, ना? अब तुम्हें अपनी लालच की सजा मिलेगी, और तुम मेरा शिकार बनोगी।” मिनी की तो जैसे ही सांस अटक गई, शेर धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था, और जब शेर उसे खाने के बिलकुल पास पहुंचा, तो पेड़ से कूद कर बोला ने मिनी को पकड़ा और कूदते हुए जंगल के बाहर ले आया।

जंगल से बाहर आकर, मिनी की सांस में सांस आ गई, और उसका सर भी शर्म से झुक गया था, और वह बोला से माफी मांगते हुए कहने लगी कि, “बोला, मुझे माफ कर दो, मुझे अहसास हो गया है कि लालच इंसान को अंधा बना देती है, और उस अंधेपन में वो खुद ही ठोकर खाता है।” बोला मिनी को माफ कर देता है, और दोनों फिर से अच्छे दोस्त बन जाते हैं।

शिक्षा (Moral of Story)

इस लालची बिल्ली और बंदर की कहानी (Billi Aur Bandar Ki Kahani) से हमें ये सीख मिलती है कि, आपकी लालच आप पर ही भारी पड़ती है, इसलिए हमेशा सबके साथ मिलकर रहें।

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