Bee and Dove Story दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जिसमें से पंचतंत्र की कहानी (Kabutar Aur Madhumakhi ki Kahani) एक ऐसी कहानी थी, जो लगभग सभी को पसंद आती थी।
तो यहां हम आपको वहीं Panchatantra Stories in hindi (कबूतर और मधुमक्खी की कहानी) बताने वाले है। तो इस Story of Bee and Dove in Hindi को अंत तक जरूर पढ़ें।
कबूतर और मधुमक्खी की कहानी – Bee and Dove Story
एक समय की बात है, एक जंगल में नदी के किनारे, मधुमक्खियों का छत्ता था। मधुमखियाँ दिन भर शहद इकठ्ठा करने के काम में लगी रहती थीं और बड़ी कठिन मेहनत करती थीं। एक दिन की बात है, सारी मधुमक्खियां अपने काम में जुटी हुई थीं। तभी एक मधुमखी ने देखा कि दूर से एक भालू आ रहा था। वह डर गई और बाकी मधुमक्खियों को बताने लगी।
सभी मधुमक्खियां सोचने लगीं कि अगर भालू यहां आ गया तो उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएगी और सारा शहद भी चला जाएगा। पर वे उसे रोके तो रोके कैसे? इसका तरीका ढूढ़ने लगी
तभी वहां ऊपर से एक कबूतर गुजर रहा था, और उसने उनकी बात को सुन लिया। वह उड़ते हुए भालू के पास आया और ऐसे बात करने लगा जैसे वह किसी और पक्षी से बात कर रहा हो। वह भालू को डराने के लिए कहने लगा कि मैंने सुना है कि वो नदी किनारे जो मधुमक्खियों का छत्ता हैं ना? उस शहद में जहर मिला हुआ है, और जो भी उस शहद को खाता है, वह मर जाता है। कबूतर की बात सुनकर, भालू डर गया और उलटे पाँव वहां से लौट गया।
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कबूतर की वजह से मधुमक्खियां बच गईं थी, इसे देखकर सारी मधुमक्खियों ने कबूतर को धन्यवाद कहा और फिर से अपने काम में लग गईं, पर उनमें से एक मधुमखी उस दिन से रोज़ कबूतर से मिलने आया करती थी और साथ ही उसके लिए थोड़ा शहद भी लाती थी।
एक दिन जब शाम को मधुमखी कबूतर के पास पहुंची, तो कबूतर वहां नहीं था, यह देखकर उसे हैरानी हुई, क्योंकि कबूतर रोज़ उसी जगह उसका इंतजार करता था। मधुमखी ने कबूतर को बहुत ढूँढा लेकिन कबूतर कहीं नहीं मिला, कबूतर को ढूढंते हुए मधुमखी जंगल के अंदर आ गयी थी और ढूँढ़ते ढूँढ़ते, उसे जंगल में एक शिकारी दिखा, जिसने कबूतर को पिंजरे में कैद कर लिया था।
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मधुमखी ने जैसे ही कबूतर को मुश्किल में देखा, उसे मदद करने की ठान ली, और उसने वापस जाकर अपनी सारी मधुमखियों को इकट्ठा किया,और कबूतर की मदद के लिए जंगल की ओर बढ़ने लगी.
मधुमखियों का झुंड, एक साथ तेजी से, शिकारी की ओर बढ़ने लगा, सभी ने उसे डंक मारना शुरू किया, और शिकारी को कबूतर को वहीं छोड़कर भागना पड़ा, कबूतर पिंजरे से आज़ाद हो गया, और उसने अपनी जान बचाने के लिए सभी मधुमखियो का धन्यवाद किया। उस दिन से कबूतर और मधुमखियां हर सुख-दुख में एक-दूसरी की मदद करने लगे।
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शिक्षा (Moral of Story)
इस कबूतर और मधुमखी की कहानी (Dove And Bee Story) से हमें ये सीख मिलती है, की आपकी की गयी भलाई कभी खाली नहीं जाती, वो किसी ना किसी रूप में आपके पास वापस आ ही जाती हैं।
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