अलीबाबा चालीस चोर की कहानी – Alibaba Aur 40 Chor Ki Kahani

Alibaba Chalis Chor ki Kahani दोस्तों, बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जिसमें से अलीबाबा चालीस चोर की कहानी (Alibaba Aur 40 Chor Ki Kahani) एक ऐसी कहानी थी, जो लगभग सभी को पसंद आती थी।

तो यहां हम आपको वहीं Alibaba Chalis Chor (अलीबाबा चालीस चोर की कहानी) बताने वाले है। तो इस Alibaba Aur 40 Chor Story को अंत तक जरूर पढ़ें।

Alibaba Chalis Chor ki Kahani
Alibaba Chalis Chor

अलीबाबा चालीस चोर की कहानी – Alibaba Chalis Chor

एक समय की बात है, रियाद नाम के शहर में, मरियम का बेटा अली रहा करता था, सब लोग उसे प्यार से ‘अली बाबा’ कहकर भुलाते थे। अली बाबा के पिता कभी इस शहर के राजा हुआ करते थे, लेकिन जुबेर जो कभी उनका सेनापति हुआ करता था, उसने धोखे से उन्हें मार दिया और सब कुछ हड़प लिया।

उसने मरियम और अली को महल से बाहर फेंक दिया और मरियम ने कड़ी मेहनत करके अली को बड़ा किया था। हालांकि मरियम ने कभी अली को यह सचाई नहीं बताई कि वो एक राजा का बेटा था, लेकिन वो कहते हैं ना, सच ज्यादा दिनों तक छुप नहीं सकता।

मरियम से महल के कुछ सिपाही जो राजा के वफादार थे, आज भी मिलने आते थे। एक दिन जब वो सिपाही मरियम से बात कर रहे थे, तो अली ने उनकी बात को सुन लिया, और मरियम को सब कुछ सच सच बताना पड़ा। सिपाहियों ने अली को बताया कि जुबेर ने महल का सारा खजाना एक रहस्यमयी गुफा में छुपा के रखा है, जिसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया, अगर अली वो खजाना ढूंढ ले, तो वो फिरसे राजा बन सकता है।

अली ने यह फैसला किया कि वह अपने पिताजी के खजाने को फिरसे पाकर ही रहेगा। उसने अगले ही दिन से, जुबेर पर नजर रखना शुरू कर दिया, कि वो कहाँ जाता है? किस से मिलता है? क्या करता है? पर वो जो भी कुछ करता, उसके साथ, 40 खूंखार चोर साथ ही रहते थे, उसकी हिफाजत करने के लिए, अली को अब पाता लगाना था कि आखिर वो रहस्यमयी गुफा थी कहाँ जहाँ जुबेर सारा खजाना रखा करता था।

उसने कई दिनों तक उस पर नजर रखी, और आखिरकार वो दिन आ ही गया, जुबेर आज उस गुफा में आ ही गया था जो जंगल के अंदर की तरफ थी। अली छुपकर उसे देख रहा था, जुबेर अपने चालीस चोरों के साथ वहां आया हुआ था, उसने आस-पास देखा और गुफा की ओर देखकर, कहा, “खुल जा सिम सिम,” और गुफा का दरवाजा खुल गया।

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अली पीछे खड़े सब देख रहा था, उसे यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि, ये कहने से गुफा का दरवाज़ा अपने आप खुल जाता था। वह कुछ देर वहां खड़ा रहा, और थोड़ी देर बाद जुबेर अपने चालीस चोरों के साथ गुफा से बाहर आ गया। अब अली के पास मौका था उस गुफा में जाने का, वो  बिना वक्त गवाए, गुफा के पास पहुँच गया और उसके सामने “खुल जा सिम सिम” कहते ही गुफा का दरवाजा खुल गया।

अली जब अंदर पहुंचा, तो वहां हीरे, जवाहरात, मोती, माणिकों से भरा खजाना पड़ा हुआ था, उसकी आँखें इन सब को देखकर चमक उठी, पर इससे पहले कि वो उस गुफा से बाहर आ पाता, जुबेर गुफा के अंदर आ गया, और उसने अली को वहां देख लिया।

जुबेर अली पर हसने लगा और कहने लगा कि तुम्हारी पिताजी की और तुम्हारी मृत्यु लगता है मेरे ही हाथों लिखी है। अली अकेला था और जुबेर के साथ चालीस चोर थे, लेकिन यह वक्त गभराने का नहीं पर हिम्मत से काम लेने का था।

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उसने जुबेर से कहा कि, तुम मुझे मार दो, मुझे कुछ नहीं चाहिए इस खजाने से, ये सब तुम्हारा और इन चालीस चोरों का है।

जुबेर हसने लगा और घमंड से उसने कहा कि, ये चालीस चोर, इनका कुछ नहीं समझे, ये सब भी तुम्हारी तरह भिखारी हैं, ये बस मेरे नौकर हैं, और कुछ नहीं।

अली ने जवाब देते हुए कहा कि, इन चालीस चोरों की वजह से तुम ये पूरी सल्तनत चला रहे हो, और तुम इन्हें ही भिखारी कह रहे हो, कितनी शर्म की बात है, मैं इनकी जगह होता तो तुम्हे मार देता।

अली की बात सुनकर, सभी चोर जुबेर पर गुस्सा हो गए और सबने मिलकर जुबेर को मार दिया। जुबेर को मारने के बाद अली ने सब से कहा कि वो सारा खजाना बाहर खड़े अपने अपने घोड़ों पर चढ़ा दें और अपना अपना घोड़ा लेकर चले जाएं। सबने अली की बात मान ली और सारा सोना, चांदी, जवाहरात, मोती को बाहर खड़े अपने घोड़ों पर चढ़ा  दिया।

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अब बस एक ही बक्सा पढ़ा था, खजाने का, और चालीस चोर आपस में लड़ने लगे, इसका फायदा उठाकर अली गुफा के बाहर आ गया और उसने गुफा को बंद कर दिया। सारा सोना भी अब बाहर आ चुका था और चालीस चोरों से भी छुटकारा मिल चुका था, अब अली को अपना असली हक़ वापस मिल गया, और वह रियाद शहर का नया राजा बन गया।

शिक्षा (Moral of Story)

इस अलीबाबा चालीस चोर की कहानी (Ali Baba Aur Chalis Chor ki Kahani) से हमें ये सीख मिलती है की, लालच मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। लालच करने से सब काम खराब हो जाते हैं, इसलिए कभी भी लालच नहीं करना चाहिए।

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