Clever Fox Story दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जहां आपने लोमड़ी की कहानियां (Lomdi Ki Kahani) तो बहुत सुनी होगी। तो यहां हम आपको Panchatantra Stories in Hindi (चालाक लोमड़ी की कहानी) बताने वाले है। तो इस Chalak Lomdi Ki Kahani को अंत तक जरूर पढ़ें।
बढे बुजर्ग अक्सर कहा करते हैं की, चालाक बनना हैं तो लोमड़ी जैसे बनो, क्यूंकी लोमड़ी से चालाक और कोई नहीं होता, पर क्या सच में लोमड़ी इतनी शातिर होती हैं ? आइये सुनते हैं एक Chalak Lomdi Ki Kahani (चालाक लोमड़ी की कहानी)।
चालाक लोमड़ी की कहानी – Chalak Lomdi Ki Kahani
एक समय की बात हैं, महरोली नाम के जंगल में बारिश ना होने की वजह से सूखा पढ़ता जा रहा था, सारे हरे भरे पेड़ सूखते जा रहे थे। जानवरो को पानी ना मिलने की वजह से वे भूख और प्यास से तड़प रहे थे। ऐसे में सब जानवर इस मुसीबत से निपटने के लिए कोई उपाय ढूढ़ने लगे, लेकिन किसी भी जानवर के पास इसका कोई जवाब नहीं था। बहुत सोचने पर सबने यह तय किया की उन्हें ये जंगल छोड़कर किसी और जंगल में चले जाना चाहिए।
सब जानवरों ने इस पर सहमति दिखाई और दूसरे जंगल में जाने के लिए तैयार हो गए, और जैसे ही वो दूसरे जंगल में पहुंचे तो, वहां के जानवरो ने उनका रस्ता रोक लिया और कहने लगे की वो किसी और जंगल के जानवरों को यहाँ ऐसे ही रहने की अनुमति नहीं दे सकते। अगर उन्हें यहाँ रहना हैं तो, उन्हें कुछ सवालों के जवाब देने होंगे फिर ही उन्हें जंगल में रहने की अनुमति मिल सकती हैं।
सारे जानवर अब ये सोचने में लग गए की आखिर किसे उनके सवालों के जवाब देने के लिए बेजा जाए? क्योंकि अगर जवाब गलत हुए तो, उन्हें इस जंगल से भी हाथ धोना पढ़ सकता हैं। सारे जानवर सोचने में लग गए, तभी एक बुजर्ग उल्लू ने कहा की मेरा सुझाव हैं हमें लोमड़ी को सवालों के जवाब देने भेजना चाहिए, क्योंकि हम सब में एक वही हैं जो बहुत शातिर हैं। सारे जानवरो को उल्लू का सुझाव सही लगा और उन्होंने लोमड़ी को सवालों के जवाब देने के लिए भेज दिया।
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सामने वाले जंगल के जानवरो को लग रहा था की इनमें से कोई भी उनके सवालों के जवाब नहीं दे पायेगा और उन्हें वापस लौटना पड़ेगा, और यहाँ लोमड़ी को डर लग रहा था की कहीं वो सवालों के जवाब नहीं दे पायी तो इसका नुकसान सबको भुगतना पड़ेगा।
लोमड़ी ने इन सवालों से बचने के लिए एक युक्ति सोची और बंदरों को भुला लिया और उनके कान में कुछ कहने लगी। सामने वाले जंगल वाले ये सोचने लगे की आखिर ये लोमड़ी बंदरों को क्या बता रही हैं, उनकी उत्सुकता बढ़ रही थी, इसलिए लोमड़ी की कही बात को जानने के लिए उन्होंने कौए को उनकी बात सुनने को भेज दिया।
कौआ जब इस तरफ आया तो बंदर आपस में बात कर रहे थे की लोमड़ी ने कहा है की, वो सारे सवालों के जवाब देने के बाद, सामने वाले जानवरों से भी सवाल करेगी और जब वो जवाब नहीं दे पाएंगे तब उन्हें जंगल छोड़कर जाना होगा, क्योंकि लोमड़ी तो बहुत ही शातिर हैं उसे सारे जवाब आते हैं। और वो ऐसे सवाल करेगी की, सामने जंगल वाले इनका जवाब दे ही नहीं पाएंगे, उसके बाद सारा जंगल हमारा होगा।
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कौआ उनकी बात को सुनकर तुरंत ही अपने जंगल की तरफ उड़ गया और ये सारी बात उसने सबको बताई। ये सब सुनते ही उसमें एक बुजर्ग बन्दर ने कहा की सच में ये लोमड़ी बहोत ही चालाक लग रही हैं। हम सब एक काम करते हैं की ना हम उनसे कोई सवाल करते हैं ना वो लोमड़ी हम से कुछ पूछ पाएगी, इससे हमें भी जंगल को छोड़ना नहीं पड़ेगा। सारे जानवरों ने बन्दर की बात मान ली और सवाल करने का ख्याल छोड़ दिया और महरोली जंगल के सारे जानवरो को अपने जंगल में रहने की अनुमति दे दी।
लोमड़ी की इस चालाकी से सारे जानवरो को एक नया घर मिल गया और वो सब फिरसे ख़ुशी और चैन से रहने लगे।
शिक्षा (Moral of Story)
इस चालाक लोमड़ी की कहानी (Chalak Lomdi ki Kahani) से हमें ये सीख मिलती है, की चाहे जीवन में कितनी भी बड़ी से बड़ी समस्या हो हमेशा सूझ बुझ से काम करना चाहिए।
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