पंचतंत्र की कहानी: शेर चूहा और बिल्ली – Sher Chuha or Billi ki Kahani

Lion Cat and Mouse Story in Hindi दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जहां आपने शेर की कहानियां (sher ki kahani) तो बहोत सुनी होगी और ये भी सुना होगा की शेर जंगल का राजा होता हैं, पर क्या आपको पता हैं की जंगल का सेनापति कौन होता हैं? नहीं ना ? तो चलिए हम आपको बताते हैं।

तो यहां हम आपको Panchatantra Stories in Hindi (शेर चूहा और बिल्ली की कहानी) बताने वाले है। तो इस Sher Chuha or Billi ki Story को अंत तक जरूर पढ़ें।

शेर चूहा और बिल्ली – Sher Chuha or Billi ki Kahani

Sher Chuhey or Billi ki kahani
Sher Chuha or Billi

एक समय की बात हैं, जंगल के राजा शेर के दरबार में घोषणा हुई की, महाराजा शेर अपने राज दरबार के लिए एक सेनापति ढूंढ रहे हैं, सारे जंगल में इसकी घोषणा करवा दी गयी की, जो  भी इस पद के लिए आना चाहता हैं। वो कल राजदरबार में आ सकता हैं, और फिर राजा शेर योग्य जानवर को ही अपना सेनापति चुनेगे।

इस घोषणा को सुनकर सारे जानवर उत्साही हो गए और दूसरे दिन राजदरबार में पहुंच गए। उन सब में एक चूहा भी सेनापति के पद के लिए, वहां पहुंचा, चूहे को इस पद के लिए, आया देखकर वहां खड़ी बिल्ली उस पर हसने लगी। ये देखकर चूहे को गुस्सा आने लगा और उसने कहा की, मैं भी तुम सबकी तरह इस पद के योग्य हूँ इसलिए यहाँ आया हूँ, तुम्हे मेरा मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

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इस पर बिल्ली उसका मजाक बनाते हुए बोली की, तुम और सेनापति दुशमन आक्रमण करेंगे तो, लड़ोगे कैसे हाँ ? बिल में छुपकर, इतना कहकर जोर जोर से हसने लगी। चूहे और बिल्ली के बीच बहस हो ही रही थी की इतने में राजदरबार में अफरा तफरी मच गयी की राजदरबार पर हमला हुआ हैं।

इतना सुनते ही सारे जानवर इधर उधर भागने लगे, कोई दरवाजे की तरफ भागा तो कोई कहीं जाकर छुप गया। बिल्ली चालाक थी इसलिए यहाँ वहां भागने की बजाय, वो दीवारों पे चढ़कर, ऊपर की तरफ बैठ गयी, जिस से दुशमन उसे पकड़ ही नहीं पाए। इन सब में चूहे, को भागने का मौका ही नहीं मिला पर क्योंकि वो छोटे कद का था, तो दुश्मन की नजर उस पर पढ़ी ही नहीं। 

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दुश्मन ने शेर राजा को अपने झाल में फसा लिया और ले जाने लगे, चूहा सबकी नजर से बचता हुआ, सैनिकों के पास पहुंचा और उनसे कहा की, वो बाहर का दरवाजा बंद कर दे, जिससे दुश्मन आसानी से जा ही नहीं पाए। सैनिको ने ठीक वैसा ही किया, इतने में चूहा राजदरबार में अंदर आया, दुशमनो के पैरो को काटने लगा, क्योंकि चूहा इतना छोटा था की, दुशमन उसे पकड़ ही नहीं पा रहे थे। उसने दुश्मनो को उलझाए रखा और सैनिको को इशारा किया, शेर राजा को छुड़वाने का सैनिको ने भी मौके का लाभ उठाया और शेर राजा को आज़ाद करवा दिया।

जैसे ही शेर राजा आज़ाद हुए, उन्होंने ताली बजायी और सब कुछ वहीँ रुक गया, दुश्मन भी उनके सामने सर झुकाने लगे। सारे जानवर ये देखकर हैरान रह गए की ये सब हो क्या रहा हैं ? शेर राजा ने घोषणा करते हुए कहाँ, की ये उनकी योजना थी अपने लिए एक योग्य सेनापति चुनने की, इतना सुनते ही बिल्ली नीचे आयी और उसने कहा की फिर तो इन सब में सबसे योग्य मैं हूँ, क्योंकि मैं इतनी चालाकी से दुश्मन की नजर से बची रही और मैं कहीं भी आसानी से अपने आपको बचा भी सकती हूँ।

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शेर ने हस्ते हुए कहा की, हाँ मैं मानता हूँ की तुम शातिर हो लेकिन बस अपने लिए, तुमने अपने आपको तो बचा लिया लेकिन राजा को छोड़ दिया। सेनापति को सारे सैनिको को आदेश देकर राजा की रक्षा करनी होती हैं, स्वार्थी बनकर सिर्फ अपने आपको बचाना सेनापति का धरम नहीं, समझी चालाक बिल्ली रानी। इस चूहे ने सैनिको के साथ मिलकर दुश्मनो से मेरी रक्षा कर ली, इसलिए इस पद का असली हक़दार चूहा ही हैं।

फिर क्या था, बिल्ली को ये समझ आया की कभी भी किसी की शारीरक बनावट को देखकर उसके गुणों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

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