Two Cat and Monkey Story दोस्तों बचपन में हम सब ने दादी, नानी से अनेको कहानियां सुनी है। जिसमें से पंचतंत्र की कहानी (Bandar Aur Billi Ki Kahani) एक ऐसी कहानी थी, जो लगभग सभी को पसंद आती थी।
तो यहां हम आपको वहीं Cat and Monkey Story (लालची बिल्ली और बन्दर की कहानी) बताने वाले है। तो इस Billi Aur Bandar Ki Kahani को अंत तक जरूर पढ़ें।
लालची बिल्ली और बन्दर की कहानी – Billi Aur Bandar Ki Kahani
दोस्तों लालच, झूठ और जलन। ये कुछ ऐसी गन्दी आदतें हैं, जिन्होंने इंसान तो क्या? जानवरों का भी पीछा नहीं छोड़ा। इंसान तो इंसान कई बार जानवर भी ऐसी बुरी आदतों के चपेट में आ जाते हैं। लेकिन एक बार जब ये आदत किसी को लग जाती है, तो उसे इसका बुरा परिणाम भी भुगतना पड़ता है। जी हाँ दोस्तों! आज हम आपको दो ऐसी बिल्लियों की कहानी सुनाने जा रहे हैं। जिनकी दोस्ती की मिसाल पूरे जंगल में दी जाती थी। लेकिन जब उन्हें लालच जैसी गन्दी आदत लगी, तो उनका भारी नुकसान हो गया। तो आइये जानते हैं पूरी कहानी।
दरअसल ! बात तब की है जब उस जंगल में बाहर से एक बन्दर आया। वो बन्दर बड़ा हीं शातिर और लालची था। उस जंगल में आने के बाद उसने उस जंगल और वहां के जानवरों को अच्छे से देखा। जिसे देख कर उसे बड़ी हैरानी हुई। क्योंकि ऐसा शांत जंगल, उसने पहले कभी नहीं देखा था। जहाँ बड़े जानवर, छोटे जानवरों को डरते नहीं थे। सारे जानवर मिल जुलकर रहते थे और शाम को नदी में एक साथ पानी पीते थे।
ये सब देख कर उस बन्दर को बात कुछ हजम नहीं हुई। उसे लगा कहीं जानवर भाईचारे का दिखावा तो नहीं कर रहे,ये जानने के लिए उसने दो बिल्लियों से दोस्तों कर ली। उन बिल्लियों में एक बिल्ली का नाम बिन्नी था और दूसरी बिल्ली का नाम मिन्नी था। वो बिल्लियां छोटी और मासूम थी।
उनकी उसी मासूमियत का फायदा उठा कर, उस बन्दर ने उनको अपना दोस्त बना लिया और एक दूसरे के खिलाफ उनके कान भरने लगा। बन्दर उन बिल्लियों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने लगा। लेकिन उन दोनों बिल्लियों में काफी गहरा प्यार था और वो दोनों एक दूसरे से बहनों जैसा प्यार किया करती थीं। उन दोनों बिल्लियों को एक दूसरे पर पूरा भरोसा था। इसलिए उनको भड़काना बन्दर के लिए इतना आसान भी नहीं था।
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लेकिन जैसे एक गन्दी मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है और एक सड़ा हुआ फल सभी फलों को नाश देता है। ठीक उसी प्रकार उस लालची बन्दर ने,उन दोनों बिल्लियों में फूट डालना शुरू कर दिया। एक दिन की बात है,मिन्नी घर में सो रही थी, तभी उसे बड़ी जोर से भूख लगी और उसने बिन्नी को खाना लाने को कहा। लेकिन घर में भोजन का नामों निशान तक नहीं था, इसलिए बिन्नी भोजन के तलाश में बाहर चली गई।
जब उस लालची बन्दर ने बिन्नी बाहर भटकते हुए देखा, तो उसे मौका मिल गया और वो एक रोटी लेकर मिन्नी के पास चला गया। उसने मिन्नी को रोटी देते हुए कहा “ये लो मैं तुम्हारे लिए रोटी लेकर आया हूँ, इसे किसी को भी मत देना और खुद खाना।” इतना बोलकर बन्दर वहां से चला गया। तभी वहां बिन्नी बाहर से भोजन लेकर आई और जब उसने मिन्नी को रोटी खाते हुए देखा, तो उसका पारा गरम हो गया।
उसने मिन्नी से काफी गुस्से में कहा कि “मैं तुम्हारे लिए परेशान होकर भोजन लेने गई थी और यहाँ तुम मुझसे छुपाकर रोटी खा रही हो।” यह सुनकर मिन्नी को भी गुस्सा आ गया और उसने कहा कि “ये रोटी मुझे मिली है,तो इसे मैं हीं खाऊँगी।” यह सुनकर बिन्नी ने कहा कि “लेकिन हमने तो एक दूसरे ये ये वादा किया था कि,हम एक दूसरे के बिना कुछ भी नहीं खाएंगे।”
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इस बात पर मिन्नी के कहा कि,”मुझे भूख लगी थी, इसलिए मैंने खा लिया। अगर तुम्हे बुरा लग रहा है,तो आओ इसका आधा हिस्सा तुम खा लो।” उस एक रोटी को लेकर दोनों बिल्लियों में झगड़ा होने लगा और वो बन्दर वहीं छुपकर उन बिल्लियों को लड़ता हुआ देखता रहा। उनको लड़ता हुआ देख कर बन्दर काफी खुश हुआ। क्योंकि वो तो यही चाहता था। लेकिन अभी उसे यहीं शांति नहीं मिली। वो उनकी लड़ाई को और बड़ा बनाना चाहता था,इसलिए उसने एक तरकीब निकाली।
उन बिल्लियों की लड़ाई के बीच में हीं,वो बन्दर कूद पड़ा और उसने उन बिल्लियों को शांत करवाते हुए कहा कि “तुम दोनों लड़ो मत और इस रोटी को आधा-आधा बाँट कर खा लो।” इस बात पर फिर उन दोनों बिल्लियों में झगड़ा शुरू हो गया।
वो दोनों उस रोटी को अपने हाथ से बाँटना चाहती थी,क्योंकि अब उनको एक दूसरे पर भरोसा नहीं रह गया था। तभी बन्दर ने उनसे कहा कि “अगर तुम दोनों को एक दूसरे पर भरोसा नहीं है। तो ये बंटवारा कर सुबह पूरे जंगल के बीचों बीच, सभी जानवरों के सामने होगा और मैं खुद ये बंटवारा करूँगा। फिर क्या था? सुबह हुई, सारे जानवर इकट्ठे हुए और बन्दर एक तराजू लेकर आ गया।
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उसने रोटी के दो टुकड़े किए और तराजू के दोनों ओर रख दिया। तराजू का जो हिस्सा सबसे भारी होता,उसको बराबर करने के लिए बन्दर रोटी के उस हिस्से को थोड़ा खा जाता। ऐसा करते-करते,वो बन्दर दोनों न तरफ की रोटियों को खा गया और उन दोनों बिल्लियों पर हँसता हुआ भाग गया। यह देखकर उन दोनों बिल्लियों को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। जिन बिल्लियों की दोस्ती की पूरे जंगल में मिसाल दी जाती थी, उन बिल्लियों के झगडे को आज पूरे जंगल ने देखा।
लेकिन इन सब की वजह वो लालची बन्दर नहीं था। बल्कि इसकी असली वजह थी बिल्लियों की लालच। क्योंकि लालच में ना तो उन्हें रोटी मिली और उन्हें पूरे जंगल के आगे बेइज्जत होना पड़ा वो अलग।
शिक्षा (Moral of Story)
इस लालची बिल्ली और बन्दर की कहानी (Bandar Aur Billi Ki Kahani) से हमें ये सीख मिलती है कि, लालच हमें इतना अँधा कर देता है कि हमें सही गलत कुछ नजर नहीं आता और हम अपनों से हीं लड़ने लगते हैं। जब हम लालच में पड़ कर आपस में लड़ते हैं,तो इसका फायदा कोई और उठा ले जाता है और हमारे हाँथ कुछ नहीं बचता। लेकिन जब हमें हमारी गलती का एहसास होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।